Monday, November 7, 2016




पहाडो पर बर्फ पिध्ज्ञल रही है बन रहा पानी जीवन की निशानी।
इतना साफ इतना सुन्दर देखकर समझ आता हमने इतना गंदा कर दिया प्रभु हमे करना माफ।
पानी का यह रूप उसपर पडती हल्की हल्की धूप अनूप। धरती का श्रृंगारपर्वत जैसे श्वेत मुकुट उभार।
उपर नीला आसमान नीचे पानी काॅच समान जैसे नीली आॅखो वाली सुन्दरी की आखो मे झाक रहा हो अपना अक्स ताक रहा हो ।Image result for jammu and kashmir

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