Saturday, September 17, 2016

चीन कर रहा पीओके मे आतंकवादी कारिडोर का निर्माण
दूर के शत्रुओ को देखने के कारण पास नही उसे नही गुमान।
यहाॅ से ही आतंकी करेगे चीन मे प्रवेश अब पाकिस्तान मे क्या है शेष।
चीन आतंकीयो के लिये खोल रहा द्वारहम तो उसे समझते थे समझदार।
उसे इसमे दिख रहा लाभ पर होगी हानी बम विस्फोट और परेशान।
पुराना दोस्त अमेरिका हुआ लहूलुहान आतंक से परेशान।
जल्द ही चीन को भी हो जानी है इनकी असल पहचान।
ये है मानवता के दुश्मन हिंसा के पुजारी कल तक अमेरिका दोस्त था अब चीन की है बारी।
हुरियत के चार को पाकिस्तान से है बडा प्यार चले जाओ पाकिस्तान हमे कब इनकार जिन्ना की तरह दिये जाओगे मार।  

Wednesday, September 14, 2016

भगत सिह ने असेम्बली मे किया धमाका बडी जोर मकसद था अपनी आवाज बहरी अंग्रेज सरकार को सुनाना न किसी को नुकसान पहुचाना।
कश्मीर मे भी हम अगर कश्मीरी है तो उसे खिला रहे है नही रहे मार चाहे हो पाकिस्तान परस्त और गद्दार।
दे रखे है उन्हे सब अधिकार खिला रहे दिन मे चार बार वो देते है हमारे जवानो को गाली हथियार होने पर भी मारते नही हमारे जवान जाने देते खाली।
जम्मू कश्मीर की बहुतायत जनता भारत से करती है प्रेम पर पाकिस्तान के खरीदे गद्दारो ने डठा रखे हैहथियार  करते हर अच्छी पहल पर पत्थरो की बौछार।
पर बलूचो की बात इससे है अलग पाकिस्तान के वे नही थे कभी साथ पाकिस्तान ने कब्जा कर बदल दिये है वहाॅ के हालात।
आज वे बेचारे है पाकिस्तानी फौज के जुल्म के शिकार मार दिये परिवार के परिवार।
कल तक की गलत नीति ने डब्लूटीसी को गिराया अमेरिका ने जिन्हे पाला उन्होने ही उसे हराया।
आज फिर गलत कर रहे हो आप बलूचो के साथ पाकिस्तान उनपर कर रहा बमो की बरसात।
इसलिये आज करो एक ही बात बलूचो की आजादी की लडाई मे दो उनका साथ।
आजादी बलूचो का अधिकार है पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करना ही सही विचार है

आज हिन्दी दिवस पर कर रहे हम हिन्दी मे बात और काम 365 दिनहम अपनी ही भाषाको करते है बदनाम
आज हम परेशान कि हमारे अपने अपनी संस्कृति से क्यो कर अनजान हिन्दी ही कराती है इसकी पहचान
हम भूल गये अपना सारा ज्ञान पर दुनिया भारत आ रही पाने शांती और समस्या समाधान
जागो लेकर अपनाी भाषा स्वाभिमान दुनिया देख रही हमारी ओर फिर पाओ अपनीविश्व गुरू की पहचान
हमने साबित कर के दिखा दिया पहले भी और आज भी उन्नति के साथ शांती कला के विकसित स्तम्भ फिर भी हम विनम्र तनिक नही है दम्भ