Tuesday, January 31, 2017
पर आदमी का अलग है मिजाज मुझे तोडेगा तुम्हे देगा मार कितना हिंसक विचार
देखो हम साथा रह सकते एक दूसरे की सुन सकते कह सकते र्है
पर आदमी का अलग है मिजाज मुझे तोडेगा तुम्हे देगा मार कितना हिंसक विचार
हम सब एक दूसरे के साथ खुशहाल कहते आदमी समझदार पर समझ पर ही है सवाल
कहते छोडे यह बात तुम कितने सुन्दर और तुम करते कितनी अच्छी बात और हम सब मिल बना सकते सुन्दर दिन रात
समय कितना सुन्दर था जब थे हम प्रकृति के पास सोते थे बिछौना थी घास
ये समय कितना सुन्दर था जब थे हम प्रकृति के पास सोते थे बिछौना थी घास
अब परमाणु बम बना उन पर सो रहे डर से नही आ रही नींद बैचैन हो रहे
मर रहे रोज बडी गाडियो के नींचे दबकर जो हमने है बनाई रो रहे की ये कैसी मौत मेरे बच्चे को आई
साधन जो बनाए थे सुख के लिये वे फैला रहे प्रदूषण चहूॅ ओर हर तरफ आवाज और शोर
वो चढ गई पहाड तुम लटक गये अपनी राह से भटक गये
वो चढ गई पहाड तुम लटक गये अपनी राह से भटक गये
आज कल नौजवानो का यही हाल है लडकिया पढ रही कर रही कमाल ये फिर रहे लिये उनके गिरे रूमाल
इस लिये अपनी राह पर रखो निगाह वरना समय निकल जाएगा कौन करेगा परवाह
लडकियो पर रख निगाह चलोगे तो यूही लटक जाओगे मंजिल से भटक जाओगे
Monday, January 30, 2017
बात कहते सही बनावटी नही
सपनीली आॅखो के सपने सुनहले छोटे छोटे पहले पहले
कार्टून की बात हबा मे उडते सुपर मैन के साथ
सच्चाई का जोर दिखावे का नही शोर
बात कहते सही बनावटी नही
Sunday, January 29, 2017
गर्मी मे इससे रहता कम तापमान ये है तरीके और साथ प्रकृति के जीने का ज्ञान
गर्मी मे इससे रहता कम तापमान ये है तरीके और साथ प्रकृति के जीने का ज्ञान
दोनेा एक दूसरे से लाभ डठाओ छतो पर खाने की सब्जी फल फूल लगाओ
इससे बहुआयामी लाभ वातावरण शुद्ध और साफ बचत की बचत आराम का आराम
एक बची बिजली दूसरे मिले शुद्ध फल आज की बचत और सुनहरा कल
सूरज कह रहा मै चला डुबकी लगाने दिन भर की थकान मिटाने
सूरज कह रहा मै चला डुबकी लगाने दिन भर की थकान मिटाने
थकान की ललालिमा चहूॅ ओरजल भी शांत खत्म हुआ दिन का शोर
सूरज ढलने के साथ बदल जाती हर बात दिन की उर्जा थकान मे बदल गई देखो शाम भी ढल गल गई
पंक्षी भी घर की ओर चले बहुत देर बाद अपनो से मिल इस लिये चहचहाहट का शोर चलो सो जाए की हो जाएगी भोर
Saturday, January 28, 2017
सब भारत नही जो सह ले मुस्कुराकर हर घाव करो दंगा फसाद तो नुकसान भी उठाओ
सब भारत नही जो सह ले मुस्कुराकर हर घाव करो दंगा फसाद तो नुकसान भी उठाओ
रोज करे भारत पर घात फिर भी चले आते कमाने किस मुॅह से समझ नही आती बात
जैसे को तैसा वाला जवाब शायद लोगो को न भाए क्या करे ट्रंप कब तक और कितना खतरा उठाए
इस लिये कर दिया दरकिनार अब तो अपने पापो को करो स्वीकार की पडने लगी ट्रंप की मार
परिवार को मिल दो सौ करोड पर प्रवचन चल रहे बराबर भईये अब तो दो छोड
परिवार को मिल दो सौ करोड पर प्रवचन चल रहे बराबर भईये अब तो दो छोड
अब कौन से मुॅह से करते हो बात करो इस दलाली के बारे मे बताने की शुरूवात
आपकी दलाली का ढोल पिट रहा चहूॅ ओर फिर भी चल रहा प्रवचन पूरी जोर
अब वह समय नही रहा की लोगो को नही हो खबर अब तो शर्माओ डालो अपने पाप पर नजर
डूबा देते है तेज धारे इसलिये सम्हल सम्हल चलो किनारे किनारे
हर कश्ती को नसीब नही होते किनारे कई डूब जाती बीच धारे
जो प्रवाह मे बह गया किनारा उससे दूर रह गया
इस लिये बहने से पहले सम्हल जाओ बहकने से पहले धारा से निकल जाओ
डूबा देते है तेज धारे इसलिये सम्हल सम्हल चलो किनारे किनारे
Friday, January 27, 2017
जीवन मे लिप्त होने से जन्मी निराशा सब लगता झूठ टूट रही आशा
जीवन मे लिप्त होने से जन्मी निराशा सब लगता झूठ टूट रही आशा
पर समझ नही आता क्या करू की मिले आराम मन को शांती का पैगाम
इस लिये इससे दूर हो कुछ चाह है किसी को नही मेरी परवाह है
लोग सही कहते यह न खत्म होने वाली दौड कुछ करो और की जिसके लिये हो आए क्यो बैठे अपने को भुलाए
जिस दिन तक राम चलाएगे हम काम करते जीयेगे फिर उनके बुलावे पर चले जाएगे
इस उम्र मे भी यह हौसला काम कर पेट पालती हूॅ अपने को सम्हालती हूॅ
हाथ पाॅव चलाते रहने से सब ठीक रहता है इससे मुझे क्या फरक कोई क्या कहता है
बीमारी भी रहती दूर और जीवन मे अपने ताकत से जीयो क्यो हो सहारे के लिये मजबूर
जिस दिन तक राम चलाएगे हम काम करते जीयेगे फिर उनके बुलावे पर चले जाएगे
मदद के लिये चाहिये अच्छा मन और मन मे मदद की लगन
मदद के लिये चाहिये अच्छा मन और मन मे मदद की लगन
फिर निकल आते रास्ते अनेक बस होने चाहिये इरादे नेक
बच्चे तो होते भगवान का रूप यह समझाने के लिये यह चित्र है खूब
जीव मात्र की मदद के लिये हाथ बढाना चाहे कुछ कहता रहे जमाना
Thursday, January 26, 2017
Wednesday, January 25, 2017
सावन के झूले और सखियो का साथ चिडियो की तरह चहक क्या बात
सावन के झूले और सखियो का साथ चिडियो की तरह चहक क्या बात
सखियाॅ कैसी बहन जैसी हर हाल मे साथ करलो हर दिल की बात
साथ ऐसा की जन्मो का हो नाता जीवन भर साथ निभाता
आज बस याद है हम पूछ रहे पिया से सावन मे मायके जाने की बात है
Tuesday, January 24, 2017
अब गरीब के बच्चे को गोद मे ले खिालाओ फिर पाॅच साल के लिये भूल जाओ
साडी पहनने का मौसम आया चुनावो की बहार है पाॅच साल मे एक बार है
कल तक पहने जिंस टाप अब पहनो साडी और नजर आओ भारतीय नारी
इस तरह के नजर आने पर ही मिलते है वोट मजबूरी समझो या नजर का खोट
अब गरीब के बच्चे को गोद मे ले खिालाओ फिर पाॅच साल के लिये भूल जाओ
सही सरकार के फैसले होते सही मोदी जी के लिये किसानो ने यही बात कही
मोदी जी किसानो के लिये आपने कर दिया काम नोट बंदी से मिले धन से किसान को मिला पहला इनाम
660.5 करोड किसानो का ब्याज कर दिया माफ यह है गरीब किसान की दशा जानने वाले का इंसाफ
किसान ही हमारा अन्नदाता वही तो है पूरे भारत को खिलाता उसकी दशा का सुधार सही और उत्तम विचार
सही सरकार के फैसले होते सही मोदी जी के लिये किसानो ने यही बात कही
जल के बीच हर पत्थर है शिव लिंग आकार जल स्त्रोत हर क्षण कर रहा समर्पित अपनी जल धार
यह सब कुछ इतना सुन्दर तुमने भगवान कैसे बनाया आदमी तो इतना अच्छा संयोजन नही पाया कर
ए कलाकार तेरी कलाकारी का कमाल गजब सुन्दर बेमिसाल मन करता यही ठहर जाओ लमहो की तरह गुजर जाओ
जल जीवन का स्त्रोत देखते ही मन हो जाता ओत प्रोत मन बह निकलता जल के साथ कितना सुन्दर क्या बात
जल के बीच हर पत्थर है शिव लिंग आकार जल स्त्रोत हर क्षण कर रहा समर्पित अपनी जल धार
Monday, January 23, 2017
राम जी के बाद यही वह नाम जिसने देश से बाहर रहते हुए सेना जुटाने का किया काम
नेता तो हुआ ही एक आदमी देश पर मरने वाला और नेक
जीये तो हजार पर बेमलब बेकार देश के लिये जो हर पल जिया उसे ही देश ने नेता किया स्वीकार
राम जी के बाद यही वह नाम जिसने देश से बाहर रहते हुए सेना जुटाने का किया काम
और लडी लडाई आजादी खून माॅगती और वह देना होगा की राह दिखाई
देखो कैसे किताबे लगी कतार बैठो इसी प्रकार
शांत रहो मत करो बात चलो करो पढने की शुरूवात
देखो कैसे किताबे लगी कतार बैठो इसी प्रकार
यहाॅ है आपकी सबसे अच्छी दोस्त का स्थान आपके दिमाग मे प्रश्न बहुत तो यहाॅ समाधान
पर अवाज से न डालो किसी के पढने मे व्यवधान आपका शोर कर रहा सबको परेशान
Sunday, January 22, 2017
जिनके लिये ये फूल थे खिलाए वे आना भूल गये हम बैठ नजर बिछाए
जिनके लिये ये फूल थे खिलाए वे आना भूल गये हम बैठ नजर बिछाए
बे छोटे छोटे बच्चे जो होते मन के सच्चे उन्ही का इंतजार बाकि तो हिंसक पशू बेकार
जिन्हे लगाने मे नही उजाडने मे आता मजा हम भी इंतजार मे कब उनको मिलेगी सजा
आओ मन के सुन्दर की हम कर श्रृंगार कर रहे तुम्हार इंतजार क्योकि तुम्हे तो सबसे है प्यार
आज का जीवन है एक घुड दौड आगे निकलो वरना पीछे वाला पीछे देगा छोड
आज का जीवन है एक घुड दौड आगे निकलो वरना पीछे वाला पीछे देगा छोड
जाना कहाॅ इसका ठीक ठीक नही पता और नही समय नही कोई रहा बता
अपने लाभ के अनुसार जानने वाले दौडा रहे हम खतरो से बेखबर बस दौडे जा रहे
आज के ज्यादातर का यही हाल है दौड चल रही दौड के साथ जिंदगी हो गई खत्म इतना ही मलाल है
जो आज है वह भी तो एक सपना है न वो सच है न ये अपना है
सपने कब रहते है साथ वे तो बहते रहते आॅसूओ के साथ बात बे बात
जमीन का धरातल है बडा कठोर सपने रहते उपर की ओर
इस लिये मै इन पर नही करता यकीन इनका साथ बेमलब करता हमको गमगीन
जो आज है वह भी तो एक सपना है न वो सच है न ये अपना है
Saturday, January 21, 2017
अब कहाॅ रही बैलो की जोडी वाली शान अब तो गाॅव लगता ट्रक्टर की दुकान
यह है हमारा तरीका और पहचान पर मिटने लगे है ये सब निशान
अब कहाॅ दिखता ऐसा श्रृंगार और बाल अब तो हर ओर माॅसलता का ख्याल
अब कहाॅ रही बैलो की जोडी वाली शान अब तो गाॅव लगता ट्रक्टर की दुकान
अब नही करते लोग अपने दरवाजे की लिपाई अब तो जो सडक उसकी भी नही करते सफाई
हर ओर प्रणय निवेदन और इजहार प्रकृति देखो दे रही आमंत्रण कर श्रृंगार
देख फूलो की बहार मन ठहर जाता बार बार की यह है बसंत बहार
कामदेव चले फूलो के रथ ले तीर कमान जड भी सजीव हो गये उनमे भी आ गई जान
हर ओर प्रणय निवेदन और इजहार प्रकृति देखो दे रही आमंत्रण कर श्रृंगार
पर समय के साथ यह दृष्य हो जाएगा ओझल ए मन ठहर निहार लेने दे कुछ और पल
बर्फ की तरह समय भी यहाॅ जाता ठहर यह है यहाॅ की खूबसूरती का असर
बर्फ की तरह समय भी यहाॅ जाता ठहर यह है यहाॅ की खूबसूरती का असर
शहरो मे कितना भटकाव है भागमभाग और यहाॅ ठहराव है
जिंदगी की रफ्तार हो गई इतनी तेज की सब छूट रहा कुछ न पा रहे सहेज
ऐसा कुछ शहर का हाल है जिंदगी यहाॅ प्रकृति से बात करती गुनगुनाती खुशहाल है
Friday, January 20, 2017
कपडे पहनो गरम ठंड से बचने का करो उपाए नही तो तबियत होगी नरम
कपडे पहनो गरम ठंड से बचने का करो उपाए नही तो तबियत होगी नरम
ढक के रखो कान नही तो ठंड घुस जाएगी और करेगी नुकसान
बच्चो और बूढे की ठंड से पहचान वो इनको ज्यादा पकडती और करती परेशान
ठंड से बचाव के करते सब उपाए ऐसे मे कोई गरम हल्दीवाला दूध पिलाए तो मजा आ जाए
जंगल को बचाओ बचाओ हमारी जान शेर से नही खतरा उससे खतरनाक इंसान
हमारे घरो मे आदमी घुस रहा ले हथियार पर आदमी ही मालिक कौन हमारे शब्दो पर करेगा विचार
उसने हमारे चारागाह हमसे चुरा बना लिये घर अब उसकी पूरे जंगल पर नजर
कौन सुनेगा हमारी फरियाद आदमी हिंसक जानवर हवस का अंधा खुला घूम रहा आजाद
इससे जंगल को बचाओ बचाओ हमारी जान शेर से नही खतरा उससे खतरनाक इंसान
ऐसे धर्म का क्या काम जो अपनो को लडाता ,अपना अपनो के रक्त से अपनी प्यास बुझााता है
कश्मीर मे जो जन्मे जिनका था घर उनके ही अपनो ने धर्म के नाम पर उनसे फेर ली नजर
धर्म बदलने से बदल गये रक्त संबन्ध, ऐसा होते है मूर्ख धर्मांध
पीढिया जिनकी गुजरी साथ, शामिल थे सुख दुख मे दिन रात, उन्ही अपनो ने उन्हे मार भगाया, धर्म तूने यह क्या पाठ पढाया
ऐसे धर्म का क्या काम जो अपनो को लडाता ,अपना अपनो के रक्त से अपनी प्यास बुझााता है
Thursday, January 19, 2017
प्रकृति के साथ रहो ऐसे घुल मिल की एक दूसरे को बढाओ साथ मिल मुस्कुराओ
प्रकृति के साथ रहो ऐसे घुल मिल की एक दूसरे को बढाओ साथ मिल मुस्कुराओ
वे तुम्हे हॅसाए तुम उन्हे गुदगुदाओ साथ मिल रहो एसे कि वो तुम्हे बढाए तुम उसे बढाओ
ऐसा ही यह नजारा है मेरा घर भी तुम्हारा है हरियाली से भरा हर किनारा है
इतनी छोटी सी बात हम भूल गये कि हम भी इनमे से ही एक फिर कैसा विरोध इसके लिये चाहिये कौन सा शोध
अब ढालान है शांत सब तूफान है धीरे धीरे अस्त होने जा रहा खामोश बोझिल नजारा
दिन भर की थकान से सूरज हुआ लाल दिन भर काम से लौटे व्यक्ति का रखो ख्याल
यह तपन से भर सफर अब है थकान पर इस लिये कोई भी अब मिला सकता नजर
जब था जवानी का उफान बचपन से जवानी की ओर प्रयाण तब ऐसा था तेज प्रकाश की रौशन थाआकाश
अब ढालान है शांत सब तूफान है धीरे धीरे अस्त होने जा रहा खामोश बोझिल नजारा
इस नजारे मे खोकर बीत सकते है सालो साल जीवन बह रहा हो तो कहाॅ रहता समय का ख्याल
जल के साथ हर चीज सुन्दर हो जाती है आॅखो पानी देख उसमे खो जाती है
जहाॅ हो जल तो वह सब लगता सजीव बहता जल जीवन के इतना है करीब
इस लिये जल बिना सब सूना बहता जल कर देता जीवन दूना
इस नजारे मे खोकर बीत सकते है सालो साल जीवन बह रहा हो तो कहाॅ रहता समय का ख्याल
Wednesday, January 18, 2017
वो बहुत भाग्यवान है जिनके पुराने दोस्त आज भी उनके साथ जो मिल दोहराते हर बात है
वह स्कूल की दोस्ती और बात न जाने कहाॅ खो गये वो दिन वो रात
आज हमारी बाते हो गयी कितनी कम न वो पहले जैसे रहे हम
कभी कभी सब आज बचकाना लगता है पर जो याद उसमे वही सबसे सुन्दर समय का बीत जाना लगता है
वो बहुत भाग्यवान है जिनके पुराने दोस्त आज भी उनके साथ जो मिल दोहराते हर बात है
कैसे इंतजार के चंद पल हो गये इतने बडे कि हमे लगता हम सालो से आपके इंतजार मे है खडे
आॅखो मे इंतजार मन मे प्यार छुपाए हम खडे रास्ते पर नजर गडाए कि अब सजन जी आए कि अब सजन जी आए
इंतजार का एक एक पल भारी ऐसा लगता हमने आपके इंतजार मे ही उम्र गुजारी
कैसे इंतजार के चंद पल हो गये इतने बडे कि हमे लगता हम सालो से आपके इंतजार मे है खडे
यह तो आपका प्यार है कि भारी लग रहा एक पल ऐसा कभी नही हुआ कि आप आज बताए और आए कल
आज टूटा हुआ साज है पर न जाने कहाॅ वो है और वो दर्द भरी आवाज है
रोज उन्हे देखती थी साज को बजाते एक दर्द के साथ गाते
मेरा उनका यही रिश्ता रहा वे गाते मै सुनती और उनके बारे मे विचार बुनती
इस तरह बीत गये कई साल उनका बना रहा यही हाल
आज टूटा हुआ साज है पर न जाने कहाॅ वो है और वो दर्द भरी आवाज है
Tuesday, January 17, 2017
इसलिये देर मत कर आज ही बना तालाब की फसल से अच्छी कमाई का यह पूरा करेगा तेरा ख्वाब
पानी बचाना कितने काम आता है एक छोटा सा टुकडा तालाब का कितनी बडी फसल जिलाता है
पानी बचाना ही जिंदगी बचाने के समान पानी नही तो सब बेजान
छोटा सा तालाब कितनी समस्याओ का हल जिए आदमी जिए फसल
इसलिये देर मत कर आज ही बना तालाब की फसल से अच्छी कमाई का यह पूरा करेगा तेरा ख्वाब
पानी की धार के लिये सबसे बडा उपाए पेड लगाए
जो जिनके साथ रहता उस रंग का हो जाता यही पानी का अलग अलग रंग बताता
इस लिये सोच विचार कर करो साथ कि बदल देता रंग और हालात
पेडो के कारण होता है पानी यह बहते पानी की बता रही निशानी
पानी की धार के लिये सबसे बडा उपाए पेड लगाए
आज जो भूमि शमशान है वीरान है वह आदमी की हवस का मकान है
प्रकृति की गोद मे बसा गाॅव दूर तक घनी छाॅव ही छाॅव
कहाॅ सबको मिलता है ऐसा घर जहाॅ हरियाली आती चारो ओर नजर
पर इसे रहने वालो बचाना धन के लोभ मे इसको न बेच खाना
आज जो भूमि शमशान है वीरान है वह आदमी की हवस का मकान है
गरीबो पर तो जुल्म इस कदर बेचारे हर तरफ फिर रहे मारे मारे है भगवान सहारे
इस पट कथा का हो गया अंत चेहरा वही डरावना नही है कोई संत
दंगो इनके राज हुए हजार कुछ लोग छोड चुके अपना घरबार
हर तरह अपराध का बोलबाल सफेद करने चले दिखावे से मुह जो काला
गरीबो पर तो जुल्म इस कदर बेचारे हर तरफ फिर रहे मारे मारे है भगवान सहारे
ये आपके दोस्त नही ये है वहसी पागल सारे ये किसी के दोस्त नही ये है नफरत के मारे
जायरा को डराने वाले डरे हुए कमजोर एक नाबालिग पर दिखा रहे जोर
वो अपने परिवार के लिये कर रही काम पर इनको पेट मे दर्द हो रहा ये हाफिज के बच्चे कब पाएगे आराम
कश्मीर वाले ये आपकी बच्चीयो का गला घोटने की कर रहे तैयारी इनको निकालो अपने घर से जूते लगाओबारीबारी
ये आपके दोस्त नही ये है वहसी पागल सारे ये किसी के दोस्त नही ये है नफरत के मारे
Monday, January 16, 2017
इतने तेज पर आज हो गई बादलो की पहरे दारी सब समय से बलवान दुनिया समय से हारी
मौसम है प्रतिकूल आज सूर्य देव पर है बादलो का घेरा फिर क्या हाल होगा मेरा और तेरा
इतने तेज पर आज हो गई बादलो की पहरे दारी सब समय से बलवान दुनिया समय से हारी
जरूरी नही की हमेशा होगी आपकी हार करो इंतजार आज प्रतिकूल है अगर समय की धार
आपा खोकर कर लेते है लोग दुनिया से लेते मुॅह मोड करो इंतजार की बुरा समय साथ देगा छोड
Sunday, January 15, 2017
बहको को हीरो बनाओगे तो पीढियो मे जो बनाया सब लुटाओगे खुद को मिटाओगे
गलत हीरो बनाने से हो गए कई आजाद देश बर्बाद हर तरफ है मार काट दंगा फसाद
आज ढही इमारतो और मलबो का ढेर है लाशे इतनी गिरी यह ही नजर का फेर है
बस उन्होने उन्मादी को अपना हीरो बना लिया आज उन्होने अपना सही चेहरा दिखा दिया
उनकी अपनी औरतो पर जुल्म है बलात्कार है क्या इतना ही वीभत्स चेहरा आपको स्वीकार्य है
बहको को हीरो बनाओगे तो पीढियो मे जो बनाया सब लुटाओगे खुद को मिटाओगे
जवान सीमा की करते निगरानी पर ऐसा न हो की अंदर वाले करने लगे मनमानी
जवान सीमा की करते निगरानी पर ऐसा न हो की अंदर वाले करने लगे मनमानी
लूट कर दे खजना खाली कि जवान कर रहे बाहर की रखवाली
करे अंदर दंगा फसाद फैलाए पूरा उन्माद ऐसी नही दी है आजादी कि करो अपने देश के धन की बर्बादी
इस लिये जरूरी है कि आप भी अपना फर्ज निभाए एक जिम्मेदार नागरिक बन दिखाए
रूप बदल लो चाहे हजार पर अब लोग हो चुके परेशान अब और नही कर सकते इंतजार
रूप बदल लो चाहे हजार पर अब लोग हो चुके परेशान अब और नही कर सकते इंतजार
दिल्ली की परेशानी का अब तक नही निकला हल श्रीमान पंजाब की गद्दी के लिये गये मचल
भइये तुम अब तो रूक कर कही करो काम अपनी पढाई लिखाई को मत करो अपने कर्मो से बदनाम
आज तुमसे सब बेजार सबको लगता तुम पढे लिखे बेकार इससे तो अच्छाा राज चलाते अनपढ यार
लोगो पर करते रहे निगाह अपने कार्मो से बेपरवाह करते रहे जनता का गुनाह
कृष्ण की बाॅसुरी जड चेतन को नचाती जिन्हे छुने को पेडो की डाल भी है झुक जाती
कृष्ण की बाॅसुरी जड चेतन को नचाती जिन्हे छुने को पेडो की डाल भी है झुक जाती
जिसकी मिल गई निगाह फिर वह कहाॅ जाती सुध बुध खो गोपियाॅ कृष्ण की बाॅसुरी पर नाॅचती गाती
जिनकी बाॅसुरी के स्वर आज भी गूॅज रहे वृदावन की हवाओ मे इसलिये दुनिया यहाॅ आ बेसुध हो जाती
यहाॅ चलता है आज भी आनंद रास दुनिया की हिंसा का करता अपहास यहाॅ आओ जिसे है आनंद की तलाश
जिसकी मिल गई निगाह फिर वह कहाॅ जाती सुध बुध खो गोपियाॅ कृष्ण की बाॅसुरी पर नाॅचती गाती
जिनकी बाॅसुरी के स्वर आज भी गूॅज रहे वृदावन की हवाओ मे इसलिये दुनिया यहाॅ आ बेसुध हो जाती
यहाॅ चलता है आज भी आनंद रास दुनिया की हिंसा का करता अपहास यहाॅ आओ जिसे है आनंद की तलाश
अपनी माॅ और पिता की दुलारी बेटी होती सबसे सुन्दर सबसे न्यारी
अपनी माॅ और पिता की दुलारी बेटी होती सबसे सुन्दर सबसे न्यारी
उनकी हर अदा होती अलग पिता की उनमे बसती जान माॅ की सबसे प्यारी सहेली के रूप मे होती पहचान
जिसके नही हो कोई संतान वो एक बेटी अपनाओ और उसे पालो और पढाओ
बेटे एक बार आपको भूल सकते हो सकते आप से बेपरवाह पर बेटियाॅ हर समय रहती आपके लिये सजग जमाना इसका गवाह
Saturday, January 14, 2017
यह हर साल पानी लौटता इसी प्रकार जिसे सूरज मुझसे सोखता फिर इसपर आसमान लुटाता अपना प्यार
हम दोनो का सालो का साथ है चल रहा इसी प्रकार लेन देन का व्यवहार
यह हर साल पानी लौटता इसी प्रकार जिसे सूरज मुझसे सोखता फिर इसपर आसमान लुटाता अपना प्यार
अगर कोई एक छोड देगा अपना काम तो समझो हो जाएगा दोनो का काम तमाम
न इसमे रहेगा पानी तो मेरी सुन्दर सूरत हो जाएगी बेमतलब बेमानी
पर आदमी कर रहा हर तरकीब इस प्रकार कि हम सीख उसका व्यवहार छोड दे अपना कार्य
क्या हुआ क्या बैठे इस प्रकार आज बहुत ठंड और लगता है बुखार
क्या हुआ क्या बैठे इस प्रकार आज बहुत ठंड और लगता है बुखार
तो चल चलते डाक्टर के पास थोडी ही दूर उसका घर चल कर थोडा प्रयास
नही मै नही चल पाउगा लगरही कमजोरी मुझे लगता मेरी जिंदगी हो गई पूरी
ठंड मे अक्सर बुखार होता है तू दिल का कमजोर बहुत रोता है
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