यह सब कुछ इतना सुन्दर तुमने भगवान कैसे बनाया आदमी तो इतना अच्छा संयोजन नही पाया कर
ए कलाकार तेरी कलाकारी का कमाल गजब सुन्दर बेमिसाल मन करता यही ठहर जाओ लमहो की तरह गुजर जाओ
जल जीवन का स्त्रोत देखते ही मन हो जाता ओत प्रोत मन बह निकलता जल के साथ कितना सुन्दर क्या बात
जल के बीच हर पत्थर है शिव लिंग आकार जल स्त्रोत हर क्षण कर रहा समर्पित अपनी जल धार
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