कश्मीर मे जो जन्मे जिनका था घर उनके ही अपनो ने धर्म के नाम पर उनसे फेर ली नजर
धर्म बदलने से बदल गये रक्त संबन्ध, ऐसा होते है मूर्ख धर्मांध
पीढिया जिनकी गुजरी साथ, शामिल थे सुख दुख मे दिन रात, उन्ही अपनो ने उन्हे मार भगाया, धर्म तूने यह क्या पाठ पढाया
ऐसे धर्म का क्या काम जो अपनो को लडाता ,अपना अपनो के रक्त से अपनी प्यास बुझााता है
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