हमारे घरो मे आदमी घुस रहा ले हथियार पर आदमी ही मालिक कौन हमारे शब्दो पर करेगा विचार
उसने हमारे चारागाह हमसे चुरा बना लिये घर अब उसकी पूरे जंगल पर नजर
कौन सुनेगा हमारी फरियाद आदमी हिंसक जानवर हवस का अंधा खुला घूम रहा आजाद
इससे जंगल को बचाओ बचाओ हमारी जान शेर से नही खतरा उससे खतरनाक इंसान
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