Sunday, January 22, 2017

जो आज है वह भी तो एक सपना है न वो सच है न ये अपना है

Photo
सपने कब रहते है साथ वे तो बहते रहते आॅसूओ के साथ बात बे बात
जमीन का धरातल है बडा कठोर सपने रहते उपर की ओर
इस लिये मै इन पर नही करता यकीन इनका साथ बेमलब करता हमको गमगीन
जो आज है वह भी तो एक सपना है न वो सच है न ये अपना है

No comments:

Post a Comment