यह है हमारा तरीका और पहचान पर मिटने लगे है ये सब निशान
अब कहाॅ दिखता ऐसा श्रृंगार और बाल अब तो हर ओर माॅसलता का ख्याल
अब कहाॅ रही बैलो की जोडी वाली शान अब तो गाॅव लगता ट्रक्टर की दुकान
अब नही करते लोग अपने दरवाजे की लिपाई अब तो जो सडक उसकी भी नही करते सफाई
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