आज टूटा हुआ साज है पर न जाने कहाॅ वो है और वो दर्द भरी आवाज है
रोज उन्हे देखती थी साज को बजाते एक दर्द के साथ गाते मेरा उनका यही रिश्ता रहा वे गाते मै सुनती और उनके बारे मे विचार बुनती इस तरह बीत गये कई साल उनका बना रहा यही हाल आज टूटा हुआ साज है पर न जाने कहाॅ वो है और वो दर्द भरी आवाज है
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