रूप बदल लो चाहे हजार पर अब लोग हो चुके परेशान अब और नही कर सकते इंतजार
दिल्ली की परेशानी का अब तक नही निकला हल श्रीमान पंजाब की गद्दी के लिये गये मचल
भइये तुम अब तो रूक कर कही करो काम अपनी पढाई लिखाई को मत करो अपने कर्मो से बदनाम
आज तुमसे सब बेजार सबको लगता तुम पढे लिखे बेकार इससे तो अच्छाा राज चलाते अनपढ यार
लोगो पर करते रहे निगाह अपने कार्मो से बेपरवाह करते रहे जनता का गुनाह
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