गरीबो पर तो जुल्म इस कदर बेचारे हर तरफ फिर रहे मारे मारे है भगवान सहारे
इस पट कथा का हो गया अंत चेहरा वही डरावना नही है कोई संत दंगो इनके राज हुए हजार कुछ लोग छोड चुके अपना घरबार हर तरह अपराध का बोलबाल सफेद करने चले दिखावे से मुह जो काला गरीबो पर तो जुल्म इस कदर बेचारे हर तरफ फिर रहे मारे मारे है भगवान सहारे
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