आज हिन्दी दिवस पर कर रहे हम हिन्दी मे बात और काम 365 दिनहम अपनी ही भाषाको करते है बदनाम
आज हम परेशान कि हमारे अपने अपनी संस्कृति से क्यो कर अनजान हिन्दी ही कराती है इसकी पहचान
हम भूल गये अपना सारा ज्ञान पर दुनिया भारत आ रही पाने शांती और समस्या समाधान
जागो लेकर अपनाी भाषा स्वाभिमान दुनिया देख रही हमारी ओर फिर पाओ अपनीविश्व गुरू की पहचान
हमने साबित कर के दिखा दिया पहले भी और आज भी उन्नति के साथ शांती कला के विकसित स्तम्भ फिर भी हम विनम्र तनिक नही है दम्भ
आज हम परेशान कि हमारे अपने अपनी संस्कृति से क्यो कर अनजान हिन्दी ही कराती है इसकी पहचान
हम भूल गये अपना सारा ज्ञान पर दुनिया भारत आ रही पाने शांती और समस्या समाधान
जागो लेकर अपनाी भाषा स्वाभिमान दुनिया देख रही हमारी ओर फिर पाओ अपनीविश्व गुरू की पहचान
हमने साबित कर के दिखा दिया पहले भी और आज भी उन्नति के साथ शांती कला के विकसित स्तम्भ फिर भी हम विनम्र तनिक नही है दम्भ
No comments:
Post a Comment