जिन्दगी का खेल चल रहा हजारो साल से कई लोग डरा रहे लोगो को मरने के ख्याल से ।
सभ्यता विकसित हो गई नही हुआ इनका विकास दुनिया इनकी नजर से देखे इसके लिये रच रहे विनाश
कितने आए कितने चले गये फिर भी ये न बदले इनके करम डरा रहे और मार रहे कमजोरो को कि बदल लो धरम
ओसामा मरा, मर जाएगा बगदादी छीनने चला था लोगो की आजादी
मासूमो पर करते बलात्कार कि वो नही चलना चाहते जैसे इनके विचार
दिखाते अपने पापियो को जन्नत का ख्याल ख्यालो की दुनिया मे हूरो का जलाल
कुछ देश हो गये तबाह इनके विचार से कुछ की है तैयारी एक एक कर आएगी सबकी बारी।
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