Sunday, November 6, 2016

जिस घर मे रहते उसमे आग नही लगाते

जिस घर मे रहते उसमे आग नही लगाते लोग इतनी छोटी सी बात लोग समझ नही पाते।
कश्मीर मे जला रहे स्कूल चला रहे पत्थर अरे कौन हुआ घायल जला किसका स्कल डालो इसपर नजर।
कल परीक्षा के लिये था जाना पर अब जाना पडेगा दूर इनके स्कूल जलाने के कारण हुए मजबूर।
आज जिन पर पत्थर चला रहे थे और पहुचा रहे थे चोट कल बाढ के समय उन्ही ने दिया था सहारा वही बने थे ओट।
जिनके कहने पर उठा रहे हाथ वे आये थे बचाने तुम्हारी जान वे भाग रहे थे इधर उधर कि संकट मे थे उनके भी प्राण। ये चंद पाकिस्तानी टुकडे तुम्हारे सामने देते है फेक और अपने उडाते है माल इसलिये ये बसे हुए तुम बदहाल। इनके बच्चे पढ लिखकर कमा रहे कर रहे नौकरी और तुमसे करवा रहे गुनाह और दे रहे रेजगरी। ये जवानो को पढाते है कि दीन के नाम पर हो जाओ कुर्बान मिटा लो अपनी पहचान तुम्हारे माॅ बाप भूखे मरे और खाए राज करे। जन्नत मे हूरे अगर कर रही इंतजार तो आप को किसने रोका हाीफज सईद तुम सबसे पहले मरो सरकार । इस उम्र मे भी मौत के डर से गिलानी करा रह बाहर जाकर अपना इलाज युवाओ से कहते मर जाओ दीन के नाम पर आज। हे युवाओ जरा समझ से लो काम ये करते झूठी बाते तमाम पढो लिखो अपना भविष्य सवारो यू न इन गुमराह करने वालो से हारो।

No comments:

Post a Comment