Monday, November 7, 2016

भीखू और उसकी गाय

भीखू और उसकी गाय कौन नही जानता भीखू का इतिहास जमीन का एक टुकडा न था उसके पास बस किसी तरह होता था जीवन बसर लगता था जिन्दगी यूही जाऐगी गुजर शहर के एक व्यापारी ने उसपर तरस खाकर देखकर अपना भला खरीदकर दे दी एक गाय कि इसी बहाने बच्चो को पिलाने के लिये शुद्ध दूध मिल जाए। भीखू एक लीटर दूध व्यापारी को पहुचाता बाकि  को बजार बेच आता ।इससे घर मे रोज आने लगा धन और खेत की मजदूरी से मिल जाता था अन्न। चलपडी जीवन की गाडी तेज पैसा जोड ले आया दूसरी गाय भीखू खेती करे और लडका घर घर दूध पहुचाए । इस बीच व्यापारी ने दिला दी भीखू को किराए से एक दुकान कल के मजदूर की अब हलवाई के रूप मे होती है पहचान। शुद्ध दूध के कारण लोग देते अच्छा दाम बढने लगा भीखू हलवाई का नाम। किराए की दुकान कुछ ही दिनो मे ली खरीद जो कल तक दूसरो पर निर्भर रहता था आज लोग रखते उससे उम्मीद। इस परिवर्तन के पीछे थी गाय लगता है ईश्वर ही मनुष्यो के भले के लिये गौ माता को धरती पर लाए।इसलिये ही भगवान कहते है मै धरती और गाय की रक्षा के लिये लेता हूॅ अवतार भीखू की उन्नति देख मै समझा यह सत्य किस प्रकार। गाय और धरती एक समान दोनो ही देती है जीवन दान। अन्न बिना नही रह सकते हम दूध बिना बच्चो का निकल जाएगा दम।इसलिये भूलकर भी इन दोनो का न करो अपमान इनकी करो पूजा ये ईश्वर समान।


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