Wednesday, November 23, 2016

औरत कमाती है तो बच्चे के लिये दूध लाती है।

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कर रही निगाहे इंतजार आऐगा परिवर्तन जिसके लिये सालो से बेकरार।
गरीबी मे अभावो के अंधकार की सुबह कब होगी कब  आएगा वह सूरज जिसके लिये बेकरार।
वह युग पुरूष जो करता है परिवर्तन की बात उसने कर दी है परिवर्तन की शुरूवात
।आज वही है आने वाले हुनर की नई राह पर अवसरो का दिया दिखाने वाले
।जिस दिन औरत कमाती है घर की दिशा बदल जाती है पुरूष की हो ज्यादा कमाई तो समझो शराब नाम की सौतन आई
पर औरत कमाती है तो बच्चे के लिये दूध लाती है। इस लिये औरत का कमाना है जरूरी की दूर हो जाती हर कमजोरी। पढती है तो घर पढाती है कमाती है तो रखती है घर का ख्याल खत्म हो जाते हर सवाल ।
इसका पडता बडा अच्छा प्रभाव समाज की बुराईया और खत्म हो जाता ठहराव ।
तीन तलाक का जो उस पर है प्रहार हुनर के साथ खडे होना ही है प्रतिकार
अब खत्म होने को है इंतजार नोट बंदी के कारण सरकार अब दे पाएगी गाॅवो की ओर ध्यान यही औरतो को अनपढ होने का हो रहा नुकसान।
अब सरकार के पास पैसा भरपूर है हुनर के लिये धन देने को बैंक मजबूर है सब खडे हो जाओ अपने पाॅव और उन्नत बनाओ अपना घर और गाॅव

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