तुम नोटो के गद्दे पर सोते हो यह काॅटो पर नंगे पाॅव चलती है पता नही कैसे पाप की कमाई फलती है
नोट बंदी का मानो उपकार धर्म के मार्ग पर चलने का मिला मौका सुधर जाओ यार
जो देश की गरीबी की कराह है तुम भी उसके एक कारण तुम्हार भी यह गुनाह है
सनातन का विचार खाने से पहले किसी भूखे को खिलाओ और करो सत्कार
धन संचय से बनते महान तो आज नही होता ज्ञान विज्ञान समाज सेवा लोक कल्याण
बच्चो की तरह गिनते रहे गिनती और जमा करते रहे पाप करम मौका मिला सुधार लो अपना धरम
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