Saturday, November 5, 2016

कोई नही बडा देश चाहे हो कितना महान

सेना के जवान अपनी जान देकर उतारते है अपना कर्ज देश से वफादारी अपना फर्ज।
शिक्षक देकर ज्ञान उसकी करता है देश से पहचान बनाता है समझदार वह भी न रहा धरती का कर्जदार। उसने उतार दिया अपना ऋण देकर ज्ञान इस लिये वह है महान। किसान करता है किसानी उगाता है फसल जिसे खात पूरा देश अत उसका भी ऋण न रहा शेष। मजदूर करता है मजदूरी उठाता है भार इसलिये उसका हम सब करते आभार। चिकित्सक करता मरीजा की देखभाल लोगो का जीवन बचाना इसका रहता उसे हमेशा खयाल। वह है ईश्वर का रूप उसका काम है अनूप इसलिये वह पूजा का हकदार सब करते उसका सत्कार।व्यापारी भी करते व्यापार जिससे बढता धन आ्रैर साधन जो आते जनता के काम इसलिये वंदनीय है उसका काम। इस तरह सभी देश के लिये दे रहे अपना योगदान होकर सावधान । पर अगर कोई अपनी बुद्धि का कर रहा देश के खिलाफ प्रयोग तो क्या उसका सत्कार करेगे लोग। उसे सजा देना क्या गुनाह है जो बुद्धि देश के खिलाफ उसकी काबिलियत की किसे परवाह है। ऐसा ही किया है एक समाचार चैनल ने देश के साथ उसकी देश से तो बडी नही हो सकती औकात।

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