श्याम रंग तुम्हरो श्याम ये भी रंगा गई कारी
हो गई श्याम की प्यारी
अंदर रंग गयो बाहर रंग गयो तुम पर हिय हारी तुम्हरे रंग रगा के हो गई तुम्हारी
दिन
सुझे न सूझे रात हर पल होती तुमसे बात तुम बिन मर जाएगी मछरिया तुम्हारी
श्याम रंगो
पानी ये है लूट लेगो मती तुम्हारी श्याम नहाए जिस दिन ये कर दी पानी मे कलाकरी
राध
नहाई गोपियाॅ नहाई सब हो गई श्याम की प्यारी
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