Tuesday, November 29, 2016

अब सब दिखता है पर जिन्दगी होने को है खाक

Photo
जिन्दगी का सूरज डूबने की कगार अब नही कोई आकर्षण न कोई जताता प्यार
अब नही मुझमे वह रफ्तार की चलू जवाॅ उम्र के साथ खत्म हो चुकी वह बात
मन बहलाने को अगर सोचू की मै जैसा था वैसा हू पर आईना बोल देता और की क्या कहूॅ
झड गई पत्तियाॅ सूख रही डाल अब तो पंक्षी नही आते पूछने हाल
अब तो तना भी सूख पड गया काला वह भी दिन थे कि सोचते थे दिन हमारे लिये निकलता हमी से उजाला
यही जीवन का सच की, जवानी मे नही देखने देती अभिमान की आॅख, अब सब दिखता है पर जिन्दगी होने को है खाक

No comments:

Post a Comment