Saturday, November 19, 2016

मै तो तुममे डूब आज ही हो जाउगा पार

Photo: Good night dfsचाॅद जब चलने लगा जल के पार कहने लगा मित्रो चलता हू आप सबको मेरा प्यार
खत्म हुई आज की अठखेलिया बूझी अन बूझी पहेलिया कल देगे अब इस खेल को विस्तार
नही दोस्त न जाओ कल नही होता जीवन तो बस है इस पल रूको की मन जाएगा बहल
नही देखो मेरी हो रही पुकार चाॅदनी चलदी होने लगा उजियार
सम्बन्धो की रात फिर आएगी चाॅदनी अपनी शीतलता फिर लुटाएगी
लहरो मे फिर होगा वह संगीत तुम्हे कल फिर मिलेगा तुम्हारा मन मीत
नही मै तो तुममे डूब आज ही हो जाउगा पार नही देखूगा उजियार

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