Monday, November 14, 2016

अच्छे दिनो के लिये बहुत किया इंतजार

आज नोट बंदी पर नेता का देख रूदन समझ नही आ रहा यह इतना क्यो रो रहे है क्यो इतने अधीर हो रहे है ।अपने पिता या सगे वाले के जाने का भी नही होता इतना गम जितनी आज दिख रही इनकी आॅखे नम।सारे लग कर गले भूलकर सारे भेद एक दूसरे के कंधे पर रखकर सिर व्यक्त कर रहे खेद।लगता है ये सारे आपस मे रिश्तेदार तभी तो इनके गम एक है इस प्रकार। कोई जला रहा कोई बहा रहा सब कर रहे अपना काम देखो कितना व्यापक इंतजाम। सबकी साझा है पीर सबकी आॅखो से बह रहा नीर।  बंगाल और उत्तर प्रदेष वाली तो इस कदर हो रही बेहाल कि इनको है सबसे ज्यादा मलाल।दिन मे तीन बार सबसे कर रही गम साझा मोदी जी ने मार दिया नही तो उम्र ही क्या थी मरने का कारण उनकी कडवी दवा थी।मुलायम देकर अपने सम्बन्धो का वास्ता कह रहे देखो फिर एक बार सब मिल करो कुछ साॅस लौट आए इस बार। कुछ दिन की जिन्दगी से कर लेगे संतोश करो प्रयास षायद आ जाए होष ।सब मिल करो सम्हाल करो ठीक से देखभाल चमत्कार होता है बडे डाक्टर (राश्ट्रपति) से मिल करो गुहार अब वह ही हो सकते मददगार । इनके अलावा भी कुछ दबे स्वर आ रहे पर अपना चेहरा न जाने क्यो छुपा रहे। अपना सम्बन्ध लगता है नही बताना चाहते कोई (आयकर वाले )देख न ले इसलिये चेहरा छुपाना चाहते। 
500 .1000 के नोट के मरने का षोर है बहुत जोर पर इस सब से अलग बहुतायत से लोग नाॅच रहे उन्नत भविष्य दिख रहा खुली आॅखो से उसे बाॅच रहे।कहते है इस बंदी से 4.6लाख करोड होगे वसूल छोडो रोना धोना करो कबूल। देश बढेगा पूरी रफ्तार गरीबो ने अपने अच्छे दिनो के लिये बहुत किया इंतजार।

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