कान्हा बाॅसुरी न बजाओ पडा काम घर पर सारा यू न इस समय बुलाओ
कान्हाॅ बाॅसुरी न बजाओ दौडी आती होगी गोपियाॅ सारी देखेगी हमको बारी बारी यू न सताओ
कान्हाॅ बाॅसुरी न बजाओ तुत्हारी बाॅसुरी का स्वर सबको लुभावे जो सुने दौडा आवे सबको न बुलाओ
कान्हाॅ बाॅसुरी न बजाओ देखो झुकी जा रही कदंब की डाली तुम्हे छूने को हो मतवाली उसे न झुकाओ
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