राम कृष्ण की इस धरती धरती पर गिलहरी भी कर्तव्य निभाती है वह भी रेत के कणो से राम सेतू बनाती है
देख देश की शान जमीन पर ध्वज देश का लहराती है कमजोरो को सेवा धर्म बताती है
सब को हक है वह अपने देश का मान बढाए जरूरत नही वह सीमा पर ही लडने जाए
जहाॅ रहो थामो देश पताका अपने हाथ इसको थामे जवान देखते नही दिन रात
वो सीमा पर रह कर देते है बलिदान तो तुम भी अपने कामो से बढाओ देश का मान
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