जगह तो कभी भी बदल जाती है जो कल तक आसमान मे थे उन्हे अब धरती नजर आती है
इसलिये अपने अन्दर के मनुष्य को न मरने दो सनातन की समझ कही दर्द तो कही आह है
जो मरहम घाव देख नही लगता उसकी किसे परवाह है
हर जीव मे भगवान है मनुष्यता जिसमे नही वह भी क्या इंसान है
इस लिये कदम भी जमीन पर रखते है सम्हाल रहता हमेशा छोटे जीवो का ख्याल
जो आज रिक्शा चला रहा वह भी है किसी का भाई इसलिये मैन यह छतरी है फैलाई
कही मेरा भाई भी कर रहा होगा काम मै तुम्हे बचाती कि कोई बहन उसको बचाने का करती होगी इंतजाम
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