सूरज ढलने से पहले आ गया घर कल फिर शुरू करेगे नया सफर
सूरज ढलने से पहले आ गया घर कल फिर शुरू करेगे नया सफर हर दिन एक नयी शुरूवात और उॅचा उड करेगे आसमान से बात बच्चे कर रहे होगे इंतजार चलो साथ मिल बैठेगा पूरा परिवार देखो आदमी कैसा पागल है इसका नही ढलता दिन नही होती रात कैसे निभेगे मानवी जस्बात
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