TRUTH FOR ALL
Tuesday, December 20, 2016
मुरली लेकर फिरते दिन रात हमे नही छूते न लगाते हाथ
मुरली लेकर फिरते दिन रात हमे नही छूते न लगाते हाथ
अब न दूगी यह बाॅसुरी देखू कैसे रहती यह अब तुम्हरे साथ
मुॅलगाए फिरते हो हमसे बात न करते हो
हम रहती तुम्हे देखने को बैचैन तकते राह दिन रात ये नैन
पर यह रहती हरदम साथ बताओ इसमे क्या है ऐसी बात
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment