TRUTH FOR ALL
Friday, December 30, 2016
कान का झुमका लूटता मन जैसे पुकार रहा कहाॅ हो सजन
भारतीय परिवेश कितना सुन्दर कितना विशेष
देख कर श्रद्धा होती है नही आती गलत बात लगता है संस्कार का साथ
वेश कर रहा सुन्दरता मे निखार नंगे पन से आता मांसलता का उभार
कान का झुमका लूटता मन जैसे पुकार रहा कहाॅ हो सजन
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment