स्वास स्वास करती दिन रात तुम्हरा भजन लागी प्रभु तुम्हरी लगन
बस लागी तुम्हरी लगन मै तो राम राम मे मगन स्वास स्वास करती दिन रात तुम्हरा भजन लागी प्रभु तुम्हरी लगन रोम रोम अब कहता राम अविराम अविराम न जाने कब सुबह कह हो गई शाम ऐसा ही कर लो अपना हाल तो नही बचेगे कोई सवाल यही गुरू का ज्ञान राम से जोडो अपनी पहचान
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