बच्चे का स्पर्श और प्यार ,भाषा की जरूरत नही जानवर करते स्वीकार
शब्दो के मायने नही जहाॅ दिल से हो रहा संवाद ,शब्द तो करवा देते व्यर्थ विवाद
इस लिये बच्चे भगवान का रूप ,स्पर्श से समझा रहे दोनो एक दूसरे को खूब
बच्चो को पढाने वाले बडे काश ले पाते उनका यह ज्ञान ,तो हो जाता हर संकट का समाधान
No comments:
Post a Comment