अनुशासित जीवन होता इसी प्रकार चलो दूर तक एक कतार
आदमी नही सीख पाया भेडो से यह जीवन व्यवहार,भागता इधर उधर बिना सोचे समझे किये विचार
उसको लगता वही सबसे महान उसको ही हर ज्ञान, पर देखो तो लगता वह तो निरा नादान
आज बसा रहा संसार कर निर्माण, वही उसको मारेगा जब इसका बढेगा प्रमाण
धरती का ताप बढाएगा ,जीवन जल मे समाएगा ,यही बता रहा आज का विज्ञान
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