Monday, December 26, 2016

अब तो मेरी छाया भी भाग रही है दूर पर कोई यू ही बेवफा नही होता होगा मेरा ही कसूर

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कल तक लोग थे साथ लेते थे हर समय हाथो हाथ आज हम अकेले है अब नही वह थीड वह मेले है
पीडा भी कही कोई बाॅट सकता नही दर्द की अकेली राह है आॅखे आॅसू भी आपके और आपकी ही कराह है
उम्मीद का एक आसरा वह चल रही साथ कानो मे चलती तेज हवा कहती यह बात मै हूॅ साथ
अब तो मेरी छाया भी भाग रही है दूर पर कोई यू ही बेवफा नही होता होगा मेरा ही कसूर

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