तुममे है अकल तो तुम करोगे अत्यचार, जरा सोचो करो दिल से विचार
कैसे कर सकते तुम इस तरह का व्यवहार तुम भी जीव वैसे ही फिर व्यवहार क्यो इस प्रकार
दूसरो को दर्द मे डाल मुस्कुराते हो अपने को हो दर्द तो आॅसू बहाते हो
किसी को आनंद देने का करो व्यवहार फिर आएगा तुम्हारे जीवन मे भी सुख अपार
कष्ट का एक आॅसू है वह समुद्र की भगवान भी नही कर सकते उसको पार इसलिये हर जीव मे वो है ऐसा समझ करो व्यवहार
No comments:
Post a Comment