अगर हो प्रेम देश से तो वह दिल मे बसता जहाॅ देखू तू ही नजर आत चाहे हो रस्ता
हमे सस्कारो मे मिला धरती का प्यार हम उसे माॅ कहते वह भी देती प्यार दुलार
हमे सारे कष्ट सह भी अपनाती है माॅ पहली और आखरी नींद भी तो तेरी गोद मे आती है
माॅ तुने अपने पहलू मे मेरे पूर्वजो को भी दिया स्थाना अब भी अगर प्यार न करू और माॅ न पुकारू तो यह होगा तेरा अपमान
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