सूख गया दरिया उजड गया गाॅव हताश सी देख रही खाली पडी नाव
इतने बडे सच पर नजर जरा फिराव उजड गयी बस्ती खाली पडी नाव
उजाडने नही आया बाहरी कोई हमने ही अपने हाथो उजाड लिया गाॅव
सोने का अण्डा देने वाली को मार दिया बैठने वाली डाल को काट दिया
आदमी की हवस का नही कोई पडाव सूख गया दरिया उजड गया गाॅव
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