प्रेम रंग मे रंगी ऐसे कुछ भी बनाउ बन जाती तेरी तस्वीर हे श्याम तुम तो जानो मेरी पीर
कुछ भी बोलू बन जाती तुम्हारी बात तुम्ही रहते हरदम याद यही बन गई मेरी तकदीर हे श्याम तुम तो जानो मेरी पीर
हमेशा अंत: मे रहता तुम्हारा ध्यान करती कोई काम बहुत सोच होकर सावधान पर हर जगह नजर आती तुम्हारी तस्वीर हे श्याम तुम तो जानो मेरी पीर
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