माॅ आप कहो तो जाउॅ तोड मीठे फल खाउॅ
तुम छोटे से रक्षक राक्षस है विशाल कैसे रख सकोगे अपना खयाल
तभी पगट किया रूप कमाल चमकती देह आकार विशाल
आसामान को छूते लिये आॅखो मे अग्नि ज्वाल
फिर माॅ को आया विश्वास अब राम जी के होगे सफल प्रयास
फिर फल खाए तोडा बाग फूका बिगुल रावण जाग सके तो जाग मारूगा उन सबको जिनका सीता राम जी के कष्टो मे है भाग
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