जिंदगी एक दिखावा और नुमाइश बन रह गई जाते समय की सूई यह कह गई
समय बीत रहा रोज कल जो यहाॅ थ उन्हे नही पूछता कोई न होती उनकी खोज
आज चारो तरफ है चमक दमक का साथ पर समय के साथ हो जाती यह बीती बात
नई पीढी से पूछो तो पता चलता है की जो कल के थे जगमगाते सितारे नही कोई जानता सिवाए हमारे तुम्हारे
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