Wednesday, February 1, 2017

जब भी मन मे गुनाह समाता वह आ रोकता टोकता सही राह बताता है

Photo
हर समय वह मेरे साथ है मुझे है देखता सुबह शाम काम पर जाते और लौटते होती उससे राम राम
जब कभी भय समाता है तो वह दिख दूर भगाता है अपने प्रकाश से राह दिखाता है
जो नही सच जानते वह सोचते है की गलत सही छुपा सकते वह सब देखता उससे नजर बचा सकते
जब भी मन मे गुनाह समाता वह आ रोकता टोकता सही राह बताता है

No comments:

Post a Comment