हर समय वह मेरे साथ है मुझे है देखता सुबह शाम काम पर जाते और लौटते होती उससे राम राम
जब कभी भय समाता है तो वह दिख दूर भगाता है अपने प्रकाश से राह दिखाता है
जो नही सच जानते वह सोचते है की गलत सही छुपा सकते वह सब देखता उससे नजर बचा सकते
जब भी मन मे गुनाह समाता वह आ रोकता टोकता सही राह बताता है
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