चुनाव अपने रफ्तार आगे बढ रहा है और सब पर उसका बुखार चढ रहा है
बडे जुमलो का शोर है कल की हरकत कुछ और आज कुछ और है
कई लोग मंदिर जा रहे है कई मुसलमानो को लुभा रहे है
कहते मुसलमानो को लुभाना आसान है हिन्दुओ का दिमाग तो खुला आसमान है
उसकी समझ पर लोगो का नही जोर और बॅटा समाज एक नही सबके मुद्दे अलग हर ओर
इसलिये मायावती और अखिलेश एक के पास आजम और एक के पास अंसारी विशेष
दोनो मुसलमानो को डरा रहे जैसे मोदी जी रोज तीन साल से दिल्ली मे उन्हे पिटवा रहे
अरे भाई कानून का राज है पर समझ नही आता अनपढ समाज है
यहाॅ सबको चाहिये रोजगार पर चल रही वही बातें बेकार
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