Thursday, July 6, 2017

वही पूर्वजो का भार अब हम पर है आया जहाॅ मानवता की हुई पुकार हमने हॅसते शीश चढाया।


हाइफा के वीरो तुम्हे सलाम दलपत सिह जी और उनके साथियो ने अपनी बहादुरी से किया उॅचा देश का नाम। जब कहा गया मोर्चा छोड दो तो बढ गया जुनून हमसे जीते दुश्मन नही किसी मे बहता इतना खून बंदूको के सामने डट गई तलवाल और निकले भाले वीरता के इस तेज को किसकी मजाल सम्हाले युद्ध भूमि छोडना है पाप क्या कहेगे हमारे पूर्वज हमारे बाप ।भारत माता की कोख पर लगा घाव अपना जीवन बचाओ नही हमे सिखाया मिटने दो गर मिटती है मिटने वाली काया। 23 सितम्बर 1918 को जीत लिया मैदान आपकी वीरता को भारत करता है प्रणाम। दुनिया का कोई हिस्सा कोई नही बचा काम जहाॅ भारतियो ने पैदा नही किया नाम। वही पूर्वजो का भार अब हम पर है आया जहाॅ मानवता की हुई पुकार हमने हॅसते शीश चढाया।

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