Sunday, July 9, 2017

भारत का दुनिया मे कभी था गुरू का स्थान दुनिया के लोग पाते थे यहाॅ ज्ञान आज आया है गुरू पूर्णिमा का पर्व महान

भारत का दुनिया मे कभी था गुरू का स्थान दुनिया के लोग पाते थे यहाॅ ज्ञान आज आया है गुरू पूर्णिमा का पर्व महान आज फिर उस विश्वास को जगाना है अपने को इतना उॅचा उठाना है कि हम बता सके विश्व चुनौतियो का निदान। पेरिस और नो पेरिस मे भारत चला सत्य की राह नही कर रकते हम धरती के साथ गुनाह क्योकि यह धरोहर है हमारे पास इसे लौटाना है नही रचना है विनाश। आतंकवाद पर भी भारत का जोर है क्योकि इसमे मर रहा मासूम कमजोर है जो किया नही गुनाह उसकी सजा उसे मिल रही सब तरफ लगी है आग दुनिया जल रही। इसका साथ आ करना ही होगा निदान जितने दुर्योधन है उन्हे मार करो समस्या का समाधान बंद करो इस तरह की शिक्षा का व्यापार जिसम नफरत हो नही हो प्यार। औरतो पर जुल्म हो अत्याचार । उन्हे बेचा खरीदा जैसे समान आखिर वे भी है इंसान। धरती बहुत सुन्दर है नही सब दूर एक समान तो रह सकते है विचार भिन्न जो न हो समान पर हिंसा से नही पहुॅचा सकते हम किसी को नुकसान।

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