Monday, July 10, 2017

हरिसिंह नलवा को न ललकारो कायरो दम होतो आमने सामने लडो छुप कर न मारो


चल रहा था भोले बाबा का जयकारा जुटा हुआ था भक्तो का दल मंजिल आ रही थी नजदीक बीत रहे थे पल पल सब जब भक्ति मे थे लीन तब ही कही से हिंसक पशु आए इससे पहले की सेना उन्हे मार गिराए चलाने लगे गोलियाॅ कुछ गिरे कुछ आहत हुए पर बंद न हुई जयकारे की बोलियाॅ। गोलियो का डर नही भक्तो पर कोई असर नही भक्ति मे लीन लोगो को दर्शन से मतलब कातिलो की फिकर नही। दुनिया कर रही स्वीकार बेरोक बे दया इन्हे मारो जो मासूमो का करते शिकार भक्तो के खिलाफ उठाते हथियार। उस मानवआयोग की मानवता पर थू है जो पत्थर चलाने वाले के साथ करता न्याय की बात यह तो इसी काबिल मत करो न्याय के नाम गलत शुरूवात। अगर सब्र हमारा भी हुआ खतम तो फिर बना देगे वह इतिहास जो भूल न पाएगे चाहे ले लाख जनम। शांती की हमे तलाश है पर झुके नही कायरो के आगे दुनिया को बाजीराव याद है। हरिसिंह नलवा को न ललकारो कायरो दम होतो आमने सामने लडो छुप कर न मारो। दुनिया एक मत हो करे प्रहार जहाॅ भी इस तरह के लोग मिले उन्हे दो मार।

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