Sunday, October 30, 2016

अहिंसा के सिपाही और महान।

हर काम को सफल करने के लिये चाहिये जुनून ,रचनात्मक कार्य ही आपको दे सकते है आराम और सुकून। तुलसी  तुलसी दास हो गये, जब राम जी के प्यार के जनून मे खो गये। आज स्वच्छ भारत का मिशन है महान जुनून से चढ सकता वह परवान। यह नही सरकार का काम, इससे तो मिलता हम आपको आराम।सफाई बिना बीमारी से गरीबो का बुरा हाल है, खाने को पैसा नही उस पर बीमारी जी का जंजाल है। बिना इलाज मर जाते गरीब यह किस पर भार, पढा लिखा समाज इसका सबसे बडा जिम्मेदार। कई पढे लिखे ना समझ इसे मोदी जी का मिशन बता कर कर रहे दरकिनार, इसको पहली वरीयता पर हमारे पूर्वजो ने किया स्वीकार। एक दिन टैगोर नहा रहे थे गाॅधी बहुत देर तक करते रहे इंतजार, घंटे बाद निकले टैगोर तो गाॅधी बोले समय किया तुम जैसे पढे लिखे ने बेकार।मै तो कर रहा था अहिंसा का कार्य। हाॅ सफाई है अहिंसा जरा समझाओ।सफाई है अहिंसा इसका उल्टा गंदगी है हिंसा । गंदगी के कारण जन्मे मच्छर पडे लोग बीमार ,हुए डेगू चिकनगुनिया के शिकार मर गये दो चार । किसने की यह हिंसा अत्याचार। हमारे ही मारे मर रहे पर कभी नही किया हमने विचार। मोदी जी का नही यह है हमारा सनातन व्यवहार।सफाई का जुनून पाल बचालो हजारो जान तभी तुम अहिंसा के सिपाही और महान।     

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