Monday, October 31, 2016

प्रदूषण से बचाव कुछ सुझाव



      प्रदूषण से बचाव कुछ सुझाव
एक बडे शहर मे रहने वाले हमारे रिश्तेदार कहते थे मुझसे गाडी खरीदना है बेकार। पर मुझे नही समझ आती थी उनकी बात लगता था कंजूस है या नही औकात। कल जाम से जब हुआ सामना तब समझ आयी  गाडी   खरीदने की उनकी भावना। गाडी छोड जाना मुश्किल इतनी कीमती कोई कैसे कर सकता कही भी छोडने का दिल। किराए की होती तो वही कर लेते राम राम आगे से जाने कि गाडिया मिल रही तमाम। पहुचे बाजार तो रखने की जगह का सवाल इधर उधर खडी करो तो होता बवाल। उस पर पुलिस वाले भी क्रेन लेकर थे सावधान 1000 रूपए के जुर्माने का है प्रावधान। पहले गाडी महॅगी उसपर यह नुकसान परेशानी से पसीना निकल रहा हो गये हैरान। किसी तरह इन मुश्किलो से हुए पार घर पहुचे तो पाकिंग मे अपने ही मिलने वालो कि गाडियो का सजा दरबार।अब मिलने वालो से क्या कह सकते है और खडी किये बिना भी कैसे रह सकते है।इस पर जब आया गाडी की किश्त भरने का फरमान तो हम समझे गाडी रखने मे नुकसान ही नुकसान। पहले एक गाडी थी वह भी स्कूटर चलती थी धीमे था लडने का डर छुप जाती थी कही भी रख दो नजर बचाकर। कम पैसे मे आती कही से भी निकल जाती। अब तो बस जैसी है कार उसपर तंग दिली इसलिये अकेला सवार। धुआ इतना कि आसमान पर छा रहा उठता गुबार। जीना मुहाल गाडी खरीदने आप जा रहे हो तो आपके सामने आने ही चाहिये ये चंद सवाल

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