Wednesday, October 26, 2016

एक बच्चे ने अपने पिता से कहा मेरे लिये पटाखे मत लाना कि पैस है कम और महीना है बिताना।सुनकर कक्षा चार के बच्चे की बात जिसके दिन बीतते हो मस्ती के साथ। अपने परिवार और घर का इतना सोच इस उम्र मे इतनी परिपक्वता इतना लोच। इतना तो बडे नही समझ पा रहे इसलिये तो चीनी सामान घर ला रहे। जब हमने 62 मे उसे कहा भाई तो उसने हम पर की चढाई। दिन रात करता है पाकिस्तान की मदद और है आतंकियो का मददगार फिर कैसे कर सकते है उसके सामान को खरीदने का विचार। 125 अरब अगर कर देगे मना चाहे कितना अच्छा और सस्ता बना। तब उसे समझ आयेगा भारत का बल जागो भारतियो इस अभियान को करो सफल। गाजियाबाद के रईस मियाॅ पटाखे वाले को खुश देख अच्छा लगा कि आखिर भारत का चीनी पटाखे के खिलाफ फेसले से गरीबो का भाग्य जगा।गरीबो के घर अगर जलाना हो खुशियो के दिये तो खरीदो यहाॅ का बना सामान और सोचो हम भी देश के लिये कुछ किये।


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