नये के चक्कर मे दिल्ली वालो ने दिया इन्हे मौका पर ये चल दिये पंजाब अब आ गया पंजाब का जवाब। दिल के अरमा आॅसुओ मे बह गये और यह कह गये होश जो खोता है उडता असमान खोता दोनो जहान। अब सजा रहे नई दुकान अब तक हर महीने नही देते बेचारे निगम कर्मी को तनखाह अब कह रहे दिल्ली वालो हमे बना दो निगम मे भी खैर खाह ।जो पहले दिया काम उसमे नही दे पा रहे आप परिणाम तो कैसै दे सकते आपको इनाम।सब कुछ तो दिल्ली मे आपने कर दिया मुफ्त उसका मजा दिल्ली वाले ले रहे रोज अब कर ने चल दिये नये माले मुफ्त की खोज।इसलिये पहले जो काम दिया उसे करो ठीक फिर माॅगने आना नई भीख। यह पहली और आखिरी सीख।
यह आजमा चुके बार बार मुफ्त के माल वाले नही करते कारोबार। सत्ता पा बदल जाते है मुफ्त वाई फाई के अरमा आॅसुओ मे निकल जाते है। इस आदमी ने तो आम बन खास को लिया लूट अब पता नही कितनी चाहिये इसको छूट।बाते ज्यादा काम कम इस बंदे मे नही दम देख अजमा चुके आप और हम।इस आदमी को तो आज नही तो कल है जाना इसका नही कोई ठिकाना।
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