Tuesday, March 21, 2017

"पुलिस प्रशासन दुधारी तलवार जैसा शासन वैसा वार"



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                                       "पुलिस प्रशासन दुधारी तलवार जैसा शासन वैसा वार"
आज कल पुलिस कर रही ठीक काम तो पुलिसवाला बोला हम तो है घोडे जिसके हाथ लगाम उसके अनुसार देते परिणाम। आजकल जो आए है उन्हे नही चाहिये पैसा इसलिये काम कर रहे उनके जैसा । जो पहले थे उन्हे किराना भी हमी से था मगाना इसलिये लूट रहे थे मनमाना। अब बदल गया है निजाम तो लगी है हम पर लगाम। अब क्या करते है आपकी तो आदत हो चुकी खराब तो कहते बडा असामी देख काट लेते माल छोटे बहुत गाते इसलिये उनका रखते ख्याल।
एक महिला थानेदार हुई तख्त सवार कहा हमे नही चाहिये उपर का पैसा बंद करो रोजगार एैसा वैसा। बंद हो गया सब गलत काम हुआ यह परिणाम । जो नही खाते वह खाने भी नही देता इसलिये जुआ सट्टा चोरी डकैती हो गई बंद हो गया सख्त प्रबंध। एक दिन हवलदार ने मैडम को सुनाया फरमान पैसा माॅग रहे उपर वाले साहिबान। मैडम हो गई दंग बदल गया चैहरे का रंग ख्तम हो गई काम करने की उमंग। यह उपर वालो की ही लूट है मैडम जी हम नही लूटते ये उपर वाले ने दे रखी छूट है। अब मैडम ने क्या कहना था अभी तो आई यहाॅ और यही रहना था। सो धंधा हो गया चालू अब रोज होती है चोरी, पडती है डकैती, चलता है जुआ सट्टा, जिसको जो करना है करे बस हमारा घर भरे।

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