Wednesday, June 28, 2017

बडे ज्ञानी लोग करे विचार यह कैस चल पडा गरीब बनने का बुखार।


बडा ही अजब समय है आया बडे वर्ग के लोगो ने अपने को हरिजन मे शामिल करवाया अजीत जोगी आदीवासीनही यह समिति ने बताया पर वे नही मान रहे और इसके लिये रार ठान रहे। मीरा कुमार अब हरिजन है या पति उच्चवर्ण है तो वह कहलागी कब तक हरिजन अपने को बताएगी। नौकरी मे लाभ के लिये लोग हरिजन आदिवासी बन गये लिया लाभ बडे बडे इसमे शामिल तो छोटो का कौन करे हिसाब।गुजरात मे पटेल जो है सबसे अमीर समाज उसमे भी है आरक्षण की आवाज। अगर इसी तरह के लोग गरीबो हक देगे मार तो वे बेचारे किससे करेगे गुहार। जोगी जी आदिवासी नही फैसला समिति ने सुनाया जोगी जी ने आदिवासी का हक मारने बहुत दिमाग लगाया। 30 साल तक की लडाई देखो एक आदमी ने आदिवासी बनने मे कितनी तपस्या है लगाई। इसका जोगी जी को मिलना ही चाहिये फल उॅचे से नीचे जाने मे आरक्षण व्यवस्था हो गई सफल। बाबा साहब लोगो को उॅचे उठाने के लिया किया था यह प्रावधान पर कुछ और ही होने लगा निर्माण। बडे ज्ञानी लोग करे विचार यह कैस चल पडा गरीब बनने का बुखार।

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